ADARSH PANDEY

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लेखनी कहानी -16-May-2022

कविता -कविता बन जाती है

कुछ तो ये बाते , बाते ही रह जती है।
हर पल की ये यादे,यादे ही रह जाती है।।
ये बात मेरी यादो को,कविता बना जाती है।
मै नग्मा, गजल लिखू तो ,कविता बन जाती  है।।

शेर-
अगर मिलकर भी सुकून ना मिले उससे
तो रात की चांदनी दिल को सुने नही देती।


लेखक आदर्श पाण्डेय
@writeradarshpandey
#writeradarshpandey

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8 Comments

Anam ansari

17-May-2022 09:27 PM

👌👌

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Fareha Sameen

17-May-2022 09:09 PM

Nice

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Haaya meer

17-May-2022 07:19 PM

Amazing

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